nsui full form in hindi :- युवाओं के दिलों में देशप्रेम का ज्वार, आंखों में बदलाव का सपना और हाथों में संघर्ष का हथियार – छात्र आंदोलन हमेशा से ही सामाजिक परिवर्तन की अग्रिम पंक्ति में खड़ा रहा है. भारतवर्ष के छात्र आंदोलन का एक महत्वपूर्ण अध्याय है राष्ट्रीय छात्र संघ, यानी एनएसयूआई (National Students’ Union of India), जिसकी कहानी युवाओं के जुनून और राष्ट्रनिर्माण के उद्देश्य को बयां करती है.
जवानी का जुनून, राष्ट्र का निर्माण: राष्ट्रीय छात्र संघ की कहानी, एनएसयूआई का सफर
एनएसयूआई का उद्भव: छात्र शक्ति का संगठित उदय | nsui full form in hindi
1971 का साल भारतीय राजनीति के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा है. इसी ऐतिहासिक वर्ष में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपने युवा वाहिनी – एनएसयूआई को जन्म दिया. उद्देश्य था केरल और पश्चिम बंगाल के मजबूत छात्र आंदोलनों को राष्ट्रीय मंच प्रदान करना और युवाओं की ऊर्जा को राष्ट्रनिर्माण की दिशा में प्रेरित करना. इंदिरा गांधी के मार्गदर्शन में अस्तित्व में आए एनएसयूआई ने तत्कालीन राजनीतिक परिदृश्य में अपनी अलग पहचान बनाई.
विचारधारा का ध्रुव तारा: समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद
एनएसयूआई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की विचारधारा से प्रेरित है. समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद इसके मूल स्तंभ हैं. एनएसूआई शिक्षा में सुधार, सामाजिक न्याय, गरीबी उन्मूलन, पर्यावरण संरक्षण और अंतरराष्ट्रीय शांति जैसे मुद्दों पर आवाज उठाता है. छात्रों के हितों की रक्षा, शिक्षा व्यवस्था में सुधार, छात्रवृत्ति उपलब्धता और रोजगार के अवसर बढ़ाने जैसे मुद्दों पर यह लगातार संघर्षरत रहता है.
संघर्ष का सफरनामा: आंदोलनों की गूंजती आवाजें
एनएसयूआई का इतिहास आंदोलनों की गूंजती आवाजों से भरा पड़ा है. चाहे 1975 में आपातकाल के खिलाफ विरोध हो या 1983 में असम आंदोलन का समर्थन, एनएसयूआई हमेशा जनता के मुद्दों के साथ खड़ा रहा है. भाखड़ा ब्यास बांध विरोधी आंदोलन, नर्मदा बचाओ आंदोलन, भूमि अधिग्रहण मुद्दे पर उठाए गए कदम, छात्र यूनियन चुनावों में सक्रिय भागीदारी और विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर जन जागरूकता अभियान एनएसूआई के संघर्ष के कुछ प्रमुख उदाहरण हैं.
संगठनात्मक ढांचा: जमीनी स्तर से राष्ट्रीय मंच तक
एनएसयूआई का संगठनात्मक ढांचा छात्रों की भागीदारी पर आधारित है. कॉलेज स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक विभिन्न इकाइयां काम करती हैं. जिला और राज्य स्तर पर परिषद और राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से संगठन के नीतिगत निर्णय लिए जाते हैं. छात्र स्वेच्छा से सदस्य बनकर एनएसयूआई की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं.