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    भारत में बीटिंग द रिट्रीट

    Beating the Retreat क्‍या है:-

    भारत में गणतंत्र दिवस के 4 दिवसीय समारोह के समापन पर बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

    यह प्रत्‍येक वर्ष 29 जनवरी को आयोजित किया जाता है।

    यह कार्यक्रम का क्रियान्‍वयन भारत की राजधानी दिल्‍ली में राष्‍ट्रपति भवन के समीप रायसीना हिल्‍स तथा विजय चौक के बीच किया जाता है। 

    इस कार्यक्रम में भारत की तीनों सेना थल सेना (Indian Army), नौसेना (Indian Navy) तथा वायु सेना (Indian Air Force) सम्मिलि‍त रूम से मार्च करती है,

    जिसमें मिलेट्री बैंड के द्वारा विभिन्‍न प्रकार से कार्यक्रम प्रस्‍तुत जाते है।

    बैंड में विभिन्‍न प्रकार की पारंपरिक धुनों को बजाया जाता है।

    वर्ष 2016 से इस कार्यक्रम में from Central Armed Police Forces and the Delhi Police

     भी हिस्‍सा लेते है।

    Beating the Retreat

    Beating the Retreat 2021

    इस वर्ष दिनांक 29.01.2021 को बीटिंग द रिट्रीट का आयोजन किया गया,

    जिसमें भारत के राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्‍य अतिथि रहे।

    इस वर्ष बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम में नई धुनों काेे बजाया गया।

    पहली बार ‘’स्‍वर्णिम विजय’’ धुन बजाई गई।

    यह धुन वर्ष 1971 में भारत और पाकिस्‍तान के बीच हुए युद्ध में भारत की जीत के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्‍य में बजाई गई।

    इसके अलावा भी कुछ नई धुनों का बजाया गया:-

    1. थल सेना द्वारा :-

         अ. गरूड प्रहार

          ब. संबोधन

    2. नौसेना द्वारा :-

         अ. भारत वंदना

    3. वायु सेना द्वारा :-

         अ. तिरंगा सैनानी

          ब. निदा योद्धा

    द बीटिंग रिट्रीट का प्रारंभ

    भारत के राष्‍ट्रपति ‘President’s Bodyguard’’ (PBG) के साथ कार्यक्रम स्‍थल पर पहुंचते है, तथा विभिन्‍न धुनों के साथ राष्‍ट्रपति का अभिवादन किया जाता है,

    पी.बी.जी. द्वारा राष्‍ट्रपति के ऑनर में सेल्‍यूट किया जाता है,

    इसमें आर्मी के ड्रमल Solo प्रदर्शन करते है, जो ड्रमर्स कॉल कहलाता है,

    इनके द्वारा राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी की प्रिय धुन कही जाने वाली Abide With Me बजाई जाती है। इसके बाद बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम का आरंभ होता है।

    जिसमें विभिन्‍न प्रकार की धुन Sons of the Brave, Colonel Bogey March Qadam Qadam Badaye Ja  आदि बजाई जाती है।

    द बीटिंग रिट्रीट की समाप्ति

    सूर्यास्‍त के साथ ही buglers वादन के साथ ही आर्मी बैंड राष्‍ट्रपति से बैंड को वापस ले जाने की अनुमति लेते है,

    जिसके बाद ‘’सारे जहां से अच्‍छा…..’’ धुन बजाते हुए बैंड वापिस जाते है,

    राष्‍ट्रपति के सुरक्षा गार्ड पी.बी.जी. जो कि घोडो से सुसज्ज्ति होते है, वापस आते है,

    बीटिंग द रिट्रीट के समापन पर राष्‍ट्रपति को अंतिम सेल्‍यूट करते है,

    राष्‍ट्रपति पी.बी.जी. के साथ राजपथ से राष्‍ट्रपति भवन को जताते है, और इस प्रकार कार्यक्रम का समापन होता है।

    ** ठीक शाम छ: बजे buglers Retreat की धुन बजाने के साथ भारत के राष्‍ट्रीय ध्‍वज ‘’तिरंगे’’ को उतार लिया जाता है, तथा राष्‍ट्रगान भी गाया जाता है।

    द बीटिंग रिट्रीट का इतिहास (History of Beating retreat in India) :-

    बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम का प्रारंभ वर्ष 1950 से पूर्व हुआ था।

    भारत की आजादी के बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय में Elizabeth II and Prince Philip पहली बार भारत आए थे।

    तब उनके सम्‍मान में सर्वप्रथम भारतीय की तीनों सेनाओं द्वारा संयुक्‍त रूप से बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम का आयोजन किया था।

    Beating the Retreat Ceremony को कब रद्ध किया गया था।

    बीटिंग द रिट्रीट को भारत में उसके प्रारंभ से वर्तमान तक 2 बार रद्ध किया गया।

    1. वर्ष 2009 में पहली बार जब भारत के पूर्व राष्‍ट्रपति वेंकट रमन का निधन दिनांक 27.01.2009 को हो जाने के कारण।
    2. वर्ष 2001 में गुजरात राज्‍य में भूकंप आने के कारण।

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