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Printer Kya hai | What is Printer

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    जब हम कम्‍प्‍यूटर के बारे में बात करते है तो हम प्रिंटर के बारे में भी सुनते है। यहां हमें आवश्‍यकता होती है यह जानने की कि Printer Kya hai तथा printer kitne prakar ke hote hain आदि।

    printer kya hai

    Printer Kya hai | What is Printer :-

    प्रिंटर एक आउटपुट डिवाईस है जो हमें डाटा हार्ड कॉपी के रूप में प्रदान करता है।

    जब हमें आउटपुट डाटा भौतिक रूप से किसी पेपर पर प्रिंट करने की आवश्यकता होती है, तब हम प्रिंटर का उपयोग करते है। Printer Hindi, English तथा अन्‍य कई भाषाओं में प्रिंट कर सकता है।

    printer ke prakar | Types of Printer in hindi:-

    प्रिंटर को कई अलग-अलग भागों में वर्गीकृत किया गया है।

    यहां हम अलग-अलग आधारों पर प्रिंटर के अलग-अलग प्रकार देखेंगे।

    printer ke prakar

    1. प्रिंट करने की गति के आधार पर printer ke prakar:-

    कम्प्यूटर आउटपुट को प्रिंट करने के प्रकार के आधार पर प्रिंटर तीन प्रकार के होते हैः-

    • कैरेक्टर प्रिंटर | Character Printer in hindi:- इस प्रकार के प्रिंटर एक बार में एक कैरेक्टर प्रिंट करते है, इन्हें सीरियल प्रिंटर भी कहते है। इनकी प्रिंट करने की गति 200 से 450 कैरेक्टर प्रति सेकेण्ड होती है।
    • लाईन प्रिंटर | Line Printer in hindi:- इस प्रकार के प्रिंटर एक बार में एक लाईन प्रिंट करते है। लाईन प्रिंटर की प्रिंट करने की गति 200 से 2000 कैरेक्टर प्रति मिनट होती है।
    • पेज प्रिंटर | Page Printer in hindi:- इस प्रकार के प्रिंटर एक बार में पूरा पेज प्रिंट कर सकते है।

    प्रिंट करने के उपयोग होने वाली विभिन्न टैक्नोलॉजी के आधार पर printer ke prakar | Different Types of Technology used in Printer kya hai:-

    प्रिंटरों में पेपर पर प्रिंट करने हेतु अलग-अलग टैक्नोलॉजी का उपयोग होता है,

    जैसे किसी में इंक के रिबन द्वारा तो किसी में इंक पाउडर द्वारा प्रिंट किया जाता है, 

    टेक्‍नोलॉजी के आधार पर प्रिंटर निम्न प्रकार के होते हैः- impact and non impact printer in hindi

    2.1 इम्पेक्ट प्रिंटर | Impact Printer in hindi | Impact Printer kya hai:-

    इस प्रकार के प्रिंटर में कागज पर प्रिंट करने हेतु पिन अथवा हेमर तथा इंक रिबन होता है।

    इसमें पेपर पर प्रिंट करने के लिए हेमर द्वारा पेपर पर चोट की जाती है, चूंकि इंक रिबन, हेमर तथा पेपर के बीच होता है, 

    इसलिए हेमर की चोट से कैरेक्टर पेपर पर प्रिंट हो जाता है। 

    इस प्रकार के प्रिंटर एक बार में एक कैरेक्टर अथवा एक लाईन प्रिंट कर सकते है। 

    impact printer ke prakar :- यह निम्न प्रकार के होते हैः-

    2.1.1 डॉट मेट्रिक्स प्रिंटर | Dot Matrix Printer in hindi:-

    यह एक कैरेक्टर प्रिंटर है। इसे पिन प्रिंटर भी कहते है। 

    dot metrix printer

    इसमें एक प्रिंट हेड होता है, जिसमें 9 से 24 तक पिन होती है, 

    इन पिनो के माध्यम से पेपर पर डॉट बनाकर किसी कैरेक्टर को प्रिंट किया जाता है। 

    जब हम कम्प्यूटर द्वारा डॉट मेट्रिक्स को प्रिंट देते है, 

    तो यह प्रिंट हेड जैसे ही सही पॉजिशन पर आता है, पिन के माध्यम से डॉट बनाकर पेपर पर कैरेक्टर प्रिंट करता है। 

    प्रिंटर का प्रिंट हेड आगे-पीछे तथा ऊपर-नीचे घूम सकता है। 

    प्रिंटर में जितने अधिक पिन होते है, उसकी प्रिंट की गति एवं प्रिंट की क्वालिटी उतनी ही अच्छी होती है। 

    इस प्रिंटर से एक बार में एक ही कलर का प्रिंट लिया जा सकता है। 

    सामान्यतः इंक रिबन काले अथवा नीले रंग का उपयोग किया जाता है, 

    अन्य कलर का प्रिंट लेने के लिए उस कलर के रिबन का उपयोग करना होता है। 

    इसकी कीमत कम होती है, 

    तथा प्रिंट हेड में पिन की संख्या के आधार पर इसकी गति 100 से 600 कैरेक्टर पर सेकेण्ड होती है।

    2.1.2 डैजी व्हील प्रिंटर | Daisy Wheel Printer in hindi:-

    यह एक कैरेक्टर प्रिंटर है। इसमें डेजी व्हील का उपयोग किया जाता है, व्हील घूम सकता है, 

    इसमें प्रिंट हेड लगे होते है तथा इन प्रिंट हेड के अंतिम छोर पर धातु के बने हुए कैरेक्टर होते है। 

    कोई भी कैरेक्टर प्रिंट करने के लिए इस व्हील को घुमाना होता है। 

    इस प्रिंटर के व्हील का आकार इस प्रकार का होता है, कि वह एक फूल (डैजी फ्लॉवर) के आकार का दिखाई देता है, 

    इसलिए इस प्रिंटर का नाम डैजी व्हील प्रिंटर रखा गया है। 

    इस प्रिंटर में कम्प्यूटर द्वारा प्रिंट देने पर इसका व्हील घूमता है, 

    तथा जैसे ही प्रिंट होने वाला कैरेक्टर पेपर की पॉजिशन पर आ जाता है, 

    हेमर द्वारा व्हील पर चोट की जाती है, तथा प्रिंट होड द्वारा कैरेक्टर प्रिंट कर दिया जाता है। 

    इनकी प्रिंट करने की गति बहुत तक लगभग 20 से 25 कैरेक्टर प्रति सेकेण्ड होती है।

    2.1.3 ड्रम प्रिंटर | Drum Printer in hindi:-

    drum printer

    यह एक लाईन प्रिंटर है। इस प्रकार के प्रिंटर में घूम सकने वाला एक सिलिण्डर के आकार का ड्रम होता है, 

    जिसकी सतह पर कैरेक्टर्स अलग-अलग सेट में छपे होते है। 

    हर सेट के लिए एक अलग हेमर लगा होता है। 

    कम्प्यूटर द्वारा प्रिंट देने पर प्रिंटर का ड्रम घूमता है, तथा प्रिंट होने वाला कैरेक्टर जैसे ही पेपर की पॉजिशन पर आता है, हेमर द्वारा चोट की जाती है, 

    जो इंक रिबन की मदद से पेपर पर प्रिंट हो जाता है। 

    जैसे ही एक लाईन प्रिंट होती है, पेपर ऊपर की ओर खिसक जाता है। 

    2.1.4 चेन प्रिंटर | Chain Printer in hindi :-

     यह एक लाईन प्रिंटर है। इस प्रकार के प्रिंटर में एक चेन लगी होती है, जिसकी सतह पर कैरेक्टर सेट होते है। 

    यह चेन गियर से कनेक्ट होती है, जिसकी मदद से चेन होरिजोन्टली घूम सकती है। इसमें भी कई सारे हेमर लगे होते है। 

    कम्प्यूटर द्वारा प्रिंट देने पर प्रिंटर की चेन घूमती है, तथा जैसे ही प्रिंट करने वाला कैरेक्टर पेपर की पॉजिशन पर आता है, हेमर द्वारा चोट की जाती है, 

    तथा कैरेक्टर प्रिंट हो जाता है। चेन प्रिंटर 300 से 500 लाईन प्रतिमिनट तक प्रिंट कर सकता है।

    2.1.5 बैंड प्रिंटर | Band Printer in hindi:-

    यह एक लाईन प्रिंटर है। यह चेन प्रिंट की तरह ही होता है, इसमें चेन के स्थान पर स्टील से बना बैंड उपयोग होता है, 

    जिसकी सतह पर कैरेक्टर उकेरे होते है।

    इस प्रिंटर में हेमर्स, पंप पर लगे होते है, जो प्रिंट करते समय पेपर पर अलग-अलग पॉजिशन पर घूम सकता है। 

    कम्प्यूटर द्वारा प्रिंट देने पर जैसे ही हेमर प्रिंट की पॉजिशन पर पहुंचता है, रिबन पर चोट करता है, 

    जो बेंड के द्वारा पेपर पर कैरेक्टर को प्रिंट कर देता है।

    2.2 नॉन-इम्पेक्ट प्रिंटर | Non Impact Printer in hindi:-

    इस प्रकार के प्रिंटर में न तो किसी हेमर का उपयोग होता है 

    और न ही इंक रिबन का उपयोग होता है। 

    इसमें सामान्यतः लेजर, इंकजेट आदि टैक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है। 

    Non impact printer ke prakar :- यह निम्न प्रकार के होते हैः-

    2.2.1 इंकजेट प्रिंटर | Inkjet Printer in hindi:-

    इंकजेट प्रिंटर में तरल स्याही का उपयोग किया जाता है। यह एक कलर प्रिंटर है। 

    inkjet printer

    इसका उपयोग घरो में अथवा छोटे व्यवसाय हेतु किया जाता है। 

    इसमें स्याही की छोटी-छोटी बॉटल होती है, जो एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट बॉक्स पर लगी होती है, 

    इसे कार्ट्रिज भी कहते है। इसमें प्रत्येक स्याही के लिए अलग-अलग बॉटल होती है। 

    इंकजेट प्रिंटर में प्रिंट करने हेतु नोजल्स अथवा जेट होते है, 

    जिनसे स्याही की बहुत ही छोटी बूंद पेपर पर स्प्रे की जाती है, इन नोजल्स को इंटीग्रेटेड सर्कित के द्वारा कंट्रोल किया जाता है।

    प्रिंटर से प्रिंट करते समय नोजल्स से निकलने वाली इंक इलेक्ट्रिकली चार्ज की जाती है, 

    स्प्रे के रूप में नोजल्स से निकलने वाली स्याही की दिशा को नियत्रित करने के लिए होरीजोन्टल तथा वर्टिकल, इलेक्ट्रिकली चार्ज प्लेट लगी होती है, 

    इस इलेक्ट्रिक फिल्ड के कारण स्याही निश्चित स्थान पर ही प्रिंट होती है। 

    इसमें उपयोग की जाने वाली इंक तथा इसकी प्रिंट करने की लागत अधिक होती है। 

    इसलिए इसका उपयोग केवल रंगीन प्रिंटिंग के लिए ही किया जाता है। 

    इसकी प्रिंटिंग क्वालिटी बहुत अच्छी होती है लेकिन इसकी प्रिंट करने की गति बहुत कम होती है।

    2.2.2 लेजर प्रिंटर | Laser Printer in hindi:-

    laser printer

    इस प्रिंटर में इंक पाउडर का उपयोग होता है। प्रिंट करने हेतु इसमें एक ड्रम लगा होता है,

    जिस पर सामान्यतः सेलेनियम की परत चढ़ी होती है। 

    प्रिंट करने की पूरी प्रक्रिया लेजर बीम अथवा लेजर लाईट पर निर्भर होती है। 

    कम्प्यूटर से प्रिंट देने पर प्रिंट की प्रक्रिया में लेजर बीम द्वारा ड्रम पर कैरेक्टर अथवा आकृति बनाई जाती है, 

    इस लेटर बीम के ड्रम पर आने से ड्रम इलेक्ट्रिकली चार्ज हो जाता है, 

    चार्ज होने पर ड्रम को टोनर अर्थात मैग्नेटिक इंक पाउडर में घुमाया जाता है, 

    ड्रम के इलेक्ट्रिकली चार्ज भागों पर टोनर लग जाता है, जिसे ताप तथा दबाव के व्यवस्थित संयोजन से पेपर पर प्रिंट कर दिया जाता है, 

    जैसे ही प्रिंट की प्रक्रिया खत्म होती है, 

    ड्रम से बचा हुआ इंक हटा दिया जाता है तथा उसके इलेक्ट्रिकल चार्ज को भी हटा दिया जाता है। 

    इसकी प्रिंट करने की क्वालिटी एवं गति दोनों ही बहुत अधिक होती है, 

    साथ ही इसकी प्रिंटिंग की लागत भी कम होती है। 

    अधिकांश जगहों पर इसी प्रिंटर का उपयोग किया जाता है। 

    लेजर प्रिंटर में रंगीन प्रिंटर भी आते है, लेकिन उनसे प्रिंट करने की लागत बहुत अधिक होती है।

    इसलिए रंगीन प्रिंट के लिए इंकजेट प्रिंटर का उपयोग किया जाता है। 

    ब्लेक एण्ड व्हाइट प्रिंट के लिए लेजर प्रिंटर का उपयोग किया जाता है।

    2.2.3 थर्मल प्रिंटर | Thermal Printer in hindi:-

    इस प्रकार के प्रिंटर में एक विशेष प्रकार के पेपर थर्मोक्रोमिक पेपर का उपयोग किया जाता है। जब यह कागज थर्मल प्रिंट हेड से गुजरता है तो कागज के ऊपर स्थित कोटिंग उस जगह काली हो जाती है, जहां पेपर गर्म होता है। 

    thermal printer

    इस प्रिंटर में डॉट मेट्रिक्स प्रिंटर की तरह कई सारी पिन लगी होती है। 

    प्रिंटिंग की प्रक्रिया के दौरान यह पिन इलेक्ट्रिकल करंट के द्वारा गर्म होती है, 

    तथा पेपर पर प्रिंट होने वाले कैरेक्टर के अनुसार प्रिंट हेड से गर्म पिन पेपर पर पडती है, 

    जिससे पेपर का वह भाग गर्म होकर काला हो जाता है, इस प्रकार पेपर प्रिंट होता है।

    अन्य प्रिंटरः | Other Printer kya hai-

    • एल.ई.डी. प्रिंटर | LED Printer in hindi:- यह प्रिंटर लेजर प्रिंटर की तरह ही होता है। इसमें भी टोनर अर्थात मैग्नेटिक इंक पाउडर, ड्रम आदि का उपयोग होता है। एल.ई.डी. प्रिंटर में लेजर बीम के स्थान पर एल.ई.डी. अर्थात लाईट एमिटिंग डायोड का उपयोग होता है।
      • led printer
    • मल्टीफंक्शन प्रिंटर | Multifunction Printer in hindi | All in one Printer in hindi:- इसे ऑल इन वन प्रिंटर भी कहते है। यह प्रिंटर केवल प्रिंटिंग का कार्य ही नहीं करते है, बल्कि इनके द्वारा फोटोकॉपी, स्कैनिंग तथा फैक्स आदि कार्य भी किए जा सकते है। इसी कारण इनहें मल्टीफंक्शन प्रिंटर भी कहते है।
      • multifucation printer
    • प्लॉटर | Platter in hindi:- ऊपर बताए गए सभी प्रिंटर के द्वारा प्रिंट करने हेतु निश्चित आकार के पेपरों का उपयोग किया जाता है। बहुत बडे साईज के प्रिंट जैसे पोस्टर, बोर्ड आदि प्रिंट करने के लिए प्लॉटर का उपयोग किया जाता है। प्लॉटर में कलर्ड पेन, पेंसिल, मार्कर तथा अन्य ग्राफिक टूल का उपयोग करता है। इसके द्वारा वेक्टर ग्राफिक भी बनाए जा सकते है।
      • platter
    • 3-डी प्रिंटर | 3D Printer in hindi:- इस प्रकार के प्रिंटर का उपयोग प्रिंटिंग के लिए नहीं किया जाता है। इसका उपयोग थ्री-डायमेंशनल ऑब्जेक्ट बनाने के लिए किया जाता है। 3-डी प्रिंटर के द्वारा प्लास्टिक, पॉलिमर, धातू आदि के 3-डी मॉडल बनाए जाते है।
      • 3D Printer Printer

    प्रिंटर की कम्प्यूटर से कनेक्टिविटी के आधार पर Printer ke prakar :-

    कम्प्यूटर से प्रिंटर को कनेक्ट करने के आधार पर प्रिंटर दो प्रकार के होते हैः-

    वायर्ड प्रिंटर | Wired Printer kya hai:-

    इस प्रकार के प्रिंटर को कम्प्यूटर से कनेक्टर करने हेतु एक यू.एस.बी. अथवा केबल का उपयोग किया जाता है। अधिकांशतः इसी प्रिंटर का उपयोग किया जाता है।

    वायरलेस प्रिंटर | Wireless Printer kya hai:-  

    वर्तमान में ऐसे कई प्रिंटर का विकास किया गया है, जो वाई-फाई अथवा ब्लू-टूथ के द्वारा भी कम्प्यूटर से प्रिंट कमांड प्राप्त कर प्रिंटिंग कर सकते है। इस प्रकार के प्रिंटर में वायर तथा वायरलेस दोनो प्रकार की कनेक्टिविटी उपलब्ध होती है।

    conclusion:-

    Printer Kya Hai पोस्‍ट के माध्‍यम से हमनें प्रिंटर तथा प्रिंटर के प्रकार के बारे में जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया है, यदि आपको जानकारी अच्‍छी लगी हो तो कृपया अपने मित्रों के साथ जरूर शेयर करें।

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