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    Computer Keyboard | कम्‍प्‍यूटर की-बोर्डः-

    इनपुट डिवाईस की बात करें तो सबसे पहले हमारे दिमाग में की-बोर्ड Computer Keyboard का ही नाम आता है।

    Table of Contents

    की-बोर्ड एक प्रकार का इनपुट डिवाईस है, जिसमें अलग-अलग प्रकार की बटने होती है, जिनके द्वारा हम कम्प्यूटर को टेक्स्ट अथवा इन्स्ट्रक्शन्स के रूप में इनपुट देते है।

    इसके माध्यम से क्लिकेबल इवेंट जैसे कार्य भी किए जा सकते है, जैसे फाईल को सेलेक्ट करना, डिलीट करना, एक विकल्प से दूसरे विकल्प पर जाना आदि।

    की-बोर्ड के द्वारा कई बार कार्य किसी एक बटन से होता है, 

    वहीं कुछ कार्य दो या दो से अधिक बटनों को एक साथ दबाने अर्थात की-काम्बीनेशन से पूरा होता है।

    साथ ही जब हम की-बोर्ड की किसी बटन को कुछ देर तक दबाए रखते है, तो वह रीपिट होने लगती है,

    जैसे यदि ‘ए‘ अक्षर की बटन को दबाए रखेंगे तो ‘एएएएएएएएए‘ टाईप होता चला जाएगा, जब तक कि बटन को छोड न दिया जाए।

    की-बोर्ड का कम्प्यूटर से कनेक्शन | Connection of Computer Keyboard:-

    कम्प्यूटर का की-बोर्ड कनेक्शन तीन प्रकार से होता हैः-

    1- पी.एस./2 पोर्ट | PS/2 PORT:-

    पहले की-बोर्ड को कम्प्यूटर में कनेक्ट करने के लिए अधिकांशतः पी.एस./2 पोर्ट उपलब्ध होता था, जिसका रंग परपल कलर का होता था। 

    यह एक गोलाकार पोर्ट होता था। 

    की-बोर्ड को पी.एस./2 पोर्ट में कनेक्ट करने हेतु की-बोर्ड के वायर का प्लग भी पी.एस./2 पोर्ट के प्रकार का ही होता था। 

    पुराने कम्प्यूटर में अभी भी इस प्रकार के पोर्ट का उपयोग हो रहा है।

    2. यू.एस.बी. पोर्ट | USB PORT:-

    वर्तमान में अधिकांश की-बोर्ड यू.एस.बी. केबल के साथ आने लगे है, जो कम्प्यूटर में उपलब्ध यू.एस.बी. पोर्ट में कनेक्ट होते है। 

    इनकी डाटा ट्रांसफर की गति पी.एस./2 पोर्ट से अच्छी होती है।

    3. वायर लेस कनेक्शन | Wireless Connection:-

    वर्तमान में वायर लेस की-बोर्ड | Wireless Keyoard भी उपलब्ध है। जिनमें की-बोर्ड की वायर अर्थात केबल पर निर्भरता को खत्म कर दिया गया है। 

    इसमें भी अलग-अलग प्रकार के वायरलेस की-बोर्ड आते है, जो की-बोर्ड, ब्लूटूथ अथवा वाई-फाई टैक्नोलॉजी को सपोर्ट करते है, 

    वे सीधे ही कम्प्यूटर से ब्लूटूथ या वाई-फाई के माध्यम से कनेक्ट हो जाते है। 

    यदि की-बोर्ड यू.एस.बी. टैक्नोलॉजी को सपोर्ट करता है तो इसको कम्प्यूटर से कनेक्ट करने के लिए यू.एस.बी. कनेक्टर अथवा स्वीच की आवश्यकता होती है, 

    जिसे कम्प्यूटर में कनेक्ट करना होता है। 

    यह हमारे नाखून के आकार का हो सकता है। इसे कम्प्यूटर में कनेक्ट करते ही की-बोर्ड स्वतः ही चालू हो जाता है।

    बटन की लोकेशन के आधार पर Computer Keyboard के प्रकार:- 

    की-बोर्ड का उपयोग मुख्य रूप से टाईप करने के लिए किया जाता है। 

    ऐसे में टाईपिंग स्पीड को बेहतर करने के प्रयास में विभिन्न प्रकार के की-बोर्ड को बनाया गया।

    QWERTY की-बोर्ड | QWERT Keyboard:-

    सामान्यतः मॉडर्न कम्प्यूटरों में इसी की-बोर्ड का उपयोग किया जाता है। 

    इसका नाम इस की-बोर्ड की केरेक्टर key की पहली लाईन के छः अक्षरों से मिलकर बनाया गया है। 

    यह उन सभी देशों में उपयोग किया जाता है, जहां लेटिन भाषा पर आधारित अल्फाबेट का उपयोग नहीं किया जाता है। 

    इसकी पापूलेरिटी इतनी है, कि कई लोगो को लगता है कि Computer Keyboard केवल इसी प्रकार का आता है।

    AZERTY की-बोर्ड | AZERTY Keyboard:-

    इसे फ्रेंच की-बोर्ड के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसका विकास फ्रांस में QWERTY की बोर्ड के अल्टर्नेटिव की-बोर्ड के रूप में किया गया था। 

    इसका उपयोग फ्रांस तथा यूरोपीय देशों में किया जाता है, 

    कई देशों ने अपने खुद के AZERTY की-बोर्ड वर्जन बना लिए है। 

    इसका नाम इसकी केरेक्टर बटन की पहली रो के छः अक्षरों से मिलकर बनाया गया है। 

    QWERTY की-बोर्ड की A और Z Key को Q और W Key से बदलकर AZERTY की-बोर्ड बनाया गया है। 

    इसके अतिरिक्‍त इसमें M key को L key के साइड में रखा गया है। 

    इसके अलावा भी इसमें यूरोपीय भाषा जैसे फ्रेंच को लिखने के लिए कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है।

    DVORAK की-बोर्ड | DVORAK Keyboard:-

    इस प्रकार के की-बोर्ड ले-आउट को टाईपिंग स्पीड को बढाने के लिए तैयार किया गया था,

    इसमें अधिकांश लेटर Key को इस प्रकार से रखा गया है, कि अंगुलियों की मूवमेंट कम हो सके। 

    अक्षर जो ज्यादा टाईप होते है, उन्हें होम रो में ही रखा गया है।

    QWERTY की-बोर्ड की संरचना | Struction of QWERTY Computer Keyboard:-

    इस की-बोर्ड में कई प्रकार की Key होती है, जिन्हें अलग-अलग केटेगरी में बांटा जा सकता है।

    फंक्शन की | Function Key in Computer Keyboard Keys:-

    की-बोर्ड के द्वारा कम्प्यूटर में विभिन्न आवश्यक फंक्शन जैसे कम्प्यूटर को बूट(चालू) करना, कम्प्यूटर को बंद करना, फाईलों को बंद करना, कम्प्यूटर को ट्रबलशूट करना आदि फंक्शन Key के माध्यम से किए जाते है। 

    की-बोर्ड में सामान्यतः 12 फंक्शन Key होती है, जिनके द्वारा अलग-अलग कार्य किए जाते है।

    F1, F2, F3, F4, F5, F6, F7, F8, F9, F10, F11, F12

    Work of Keyboard Fuction Key:-

    F1 Key द्वारा किए जाने वाले कार्य:-

    इस Key का उपयोग हेल्प-की के रूप में किया जाता है, इस बटन को प्रयोग करने पर हेल्प स्क्रीन ओपन होती है। 

    यदि आप माईक्रोसाफ्ट विंडो ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग कर रहे है तो आप की-बोर्ड की विंडो-की तथा F1 Key को एक साथ दबाकर माईक्रोसाफ्ट की हेल्प तथा सपोर्ट सेंटर की विंडो को ओपन कर सकते है। 

    कम्प्यूटर के चालू होते समय इस बटन के द्वारा BIOS or CMOS Setup में जाया जा सकता है।

    F2 Key द्वारा किए जाने वाले कार्य:-

    यह अलग-अलग एप्लिकेशन के लिए अलग-अलग कार्य करता है।

    1- माईक्रोसाफ्ट विंडो ऑपरेटिंग सिस्टम में हम सेलेक्ट की हुई फाईल, आइकन अथवा फोल्डर का नाम बदलने के लिए इसका उपयोग कर सकते है, किसी फाईल को सेलेक्ट करके जब हम F2 Key को दबाते है, तो फाईल का नाम हाईलाईट हो जाता है, जिसे हम बदल सकते है।

    2- एम.एस. एक्सेल में इस बटन का प्रयोग करके आप एक्टिव सेल को एडिट कर सकते है।

    1. एम.एस. वर्ड में Alt+Ctrl+F2 का उपयोग करके आप डॉक्यूमेंट विंडो को ओपन कर सकते है।
    2. माईक्रोसाफ्ट वर्ड में Ctrl+F2 बटन के द्वारा फाईल का प्रिंट-प्रिव्यू देख सकते है।

    5- कम्प्यूटर के चालू होते समय इस बटन के द्वारा BIOS or CMOS Setup में जाया जा सकता है।

    F3 Key द्वारा किए जाने वाले कार्य:-

    यह अलग-अलग एप्लिकेशन के लिए अलग-अलग कार्य करता है।

    1- माईक्रोसाफ्ट विंडो ऑपरेटिंग सिस्टम में कई प्रोग्राम्स में इस बटन के द्वारा सर्च फीचर को ओपन किया जाता है।

    1. माईक्रोसाफ्ट विंडो ऑपरेटिंग सिस्टम अथवा एम.एस. डॉस में जब कमांड प्रोम्प्ट का उपयोग करते है, तब इस बटन का प्रयोग करने पर यह अंतिम दी गई कमांड को रिपीट करता है।
    2. एम.एस. वर्ड में किसी टैक्स्ट को सेलेक्टर कर Shift+F3 दबाने पर टैक्स्ट को स्मॉल लेटर, केपिटल लेटर तथा सेंटेंस लेटर(प्रत्येक शब्द में पहला अक्षर केपिटल बाकि सब स्मॉल ) में टोगल कर सकते है अर्थात एक से दूसरे में बदल सकते है।

    4- Windows Key + F3 दबाने पर माईक्रोसाफ्ट आउटलुक में एडवांस फाईंड विंडो ओपन हो जाती है।

    F4 Key द्वारा किए जाने वाले कार्य:- 

    यह बटन निम्न कार्य करती हैः-

    1. जब किसी एप्लिकेशन जैसे एम.एस. वर्ड अथवा एक्सेल फाईल में Alt+F4 को दबाया जाता है तो यह एक्टिव विंडो को बंद कर देता है, लेकिन एप्लिकेशन खुली रहती है।
    2. जब किसी एप्लिकेशन जैसे एम.एस. वर्ड अथवा एक्सेल फाईल में Ctrl+F4 को दबाया जाता है तो पूरी फाईल को बंद कर देता है।

    F5 Key द्वारा किए जाने वाले कार्य:- 

    यह बटन निम्न कार्य करती हैः-

    1. सभी मॉडर्न इंटरनेट ब्राउजर में F5 Key को दबाने पर यह पेज विंडो या पेज को रिलोड अथवा रिफ्रेस करता है।
    2. किसी इंटरनेट ब्राउजर में Ctrl+F5 दबाने पर यह वर्तमान पेज को पूरी तरह रिफ्रेस करता है, तथा सभी केसे को क्लियर कर देता है, तथा पेज के सभी कंटेंट को पुनः लोड तथा डाउनलोड करता है।
    3. किसी फोल्डर में F5 Key को दबाने पर यह कंटेंट की लिस्ट को रिफ्रेस करती है।
    4. एम.एस. वर्ड में F5 Key को दबाने पर फाईंड, रिप्लेस, गो टू विंडो ओपन हो जाती है।
    5. एम.एस. पॉवर पाइंट में F5 Key दबाने पर स्लाइड शो चालू हो जाता है।

    F6 Key द्वारा किए जाने वाले कार्य:-

    अधिकांश इंटरनेट ब्राउजर में इस बटन का प्रयोग करने पर यह एड्रेस बार को ओपन करता है। 

    F7 Key द्वारा किए जाने वाले कार्य:-

    माईक्रोसाफ्ट प्रोग्राम जैसे एम.एस. वर्ड, एम.एस. आउटलुक, एक्सेल आदि में F7 Key दबाने पर यह डॉक्यूमेंट में स्पेलिंग चेक तथा ग्रामर चेक करता है, 

    तथा इससे संबंधित विंडो को ओपन करता है। एम.एस. वर्ड में Shift+F7 दबाने पर Thesaurus check   का विकल्‍प ओपन होता है।

    F8 Key द्वारा किए जाने वाले कार्य:-

    F8 Key का उपयोग विंडो स्टार्टअप मेन्यू में जाने के लिए किया जाता है। 

    इसका उपयोग विंडो सेफ मोड में एक्सेस के लिए किया जाता है। 

    साथ ही इसका उपयोग विंडो रिकवरी सिस्टम को एक्सेस करने के लिए किया जाता है, 

    इसके लिए आपके पास विंडो इन्स्टालेशन सी.डी. अथवा यू.एस.बी. होना आवश्यक है।

    F9 Key द्वारा किए जाने वाले कार्य:-

    एम.एस. वर्ड में इस बटन को दबाने पर यह डॉक्यूमेंट को रिफ्रेस कर देता है। 

    एम.एस. आउटलुक में ई-मेल को भेजने तथा प्राप्त करने के लिए इस बटन का प्रयोग करते है।

    F10 Key द्वारा किए जाने वाले कार्य:-

    1. माईक्रोसाफ्ट विंडो में इस बटन को दबाने पर यह उसके मेन मेन्यू को एक्टिव कर देता है, अर्थात कर्सर मेन मेन्यू पर चला जाता है।
    2. विंडो स्क्रीन में किसी आइकन, फाईल या फॉल्डर को सेलेक्ट करके Shift+F10 दबाने पर कांटेक्स्ट मेन्यू ओपन होता है।(फाईल को सेलेक्ट करके माउस से राइट क्लिक करने पर जो मेन्यू लिस्ट ओपन होती है)
    3. कुछ कम्प्यूटरों में BIOS or CMOS Setup में जाया जा सकता है।
    4. एच.पी., कॉम्पेक तथा सोनी के कम्प्यूटरों में इस बटन के द्वारा छिपाए हुए रिकवरी पार्टीशन में एक्सेस किया जा सकता है।

    F11 Key द्वारा किए जाने वाले कार्य:-

    1. मॉडर्न इंटरनेट ब्राउजर में इस बटन को दबाकर फुलस्क्रीन को चालू या बंद कर सकते है।
    2. ई-मशीन तथा लेनेवो के कम्प्यूटरों में इस बटन के द्वारा छिपाए हुए रिकवरी पार्टीशन में एक्सेस किया जा सकता है।

    F12 Key द्वारा किए जाने वाले कार्य:-

    • एम.एस. वर्ड में Save as विंडो ओपन होती है।
    • Ctrl+F12 एम.एस. वर्ड में डाक्यूमेंट को आपन करता है।
    • Shift+F12 एम.एस. वर्ड में डाक्यूमेंट को ( Ctrl+S की तरह) सेव करता है।
    • Ctrl+Shift+F12 एम.एस. वर्ड में डाक्यूमेंट को प्रिंट करता है।
    • F12 ब्राउजर में debug tool or Firebug को ओपन करता है।
    • कप्यूटर को चालू करते समय F12 बटन को दबाने पर सिस्टम को बूट अथवा चालू करने के लिए उपलब्ध सभी डिवाईसेस की लिस्ट को एक्सेस करने का विकल्प प्रदान करता है तथा सिस्टम को विभिन्न डिवाईस जैसे हार्ड ड्राइव, सी.डी. अथवा डी.वी.डी. ड्राइव, यू.एस.बी. ड्राइव, फ्लॉपी ड्राइव और किसी नेटवर्क से बूट करने का विकल्प चयन करने की सुविधा प्रदान करता है।

    स्पेशल केरेक्टर की | Special Character Key of Computer Keyboard:-

    की-बोर्ड के माध्यम से स्पेशल केरेक्टर जैसे @, #, $, % :-, * आदि टाईप करने के लिए स्पेशल बटन दी होती है, जो सामान्यतः फंक्शन Key के नीचे होती है। 

    इन बटनो को प्रेस करने पर नंबर टाईप होता है, 

    तथा shift बटन के साथ इन्हें दबाने पर स्पेशल केरेक्टर टाईप होते है।

    केरेक्टर की | Character Key of Computer Keyboard:-

    की-बोर्ड के द्वारा केरेक्टर जैसे अ से ज्ञ तथा A से Z तथा कुछ अन्य केरेक्टर टाईप करने हेतु केरेक्टर की उपलब्ध होती है।

    नंबर पेड | Number Pad | Numpad of Computer Keyboard:-

    की-बोर्ड के द्वारा आसानी से नंबर टाईप का डाटा इन्सर्ट करने के लिए अधिकांश की-बोर्ड में नंबर पेड दिया होता है, 

    जिसमें 0 से लेकर 9 तक नंबर तथा कुछ मैथेमेटिकल ऑपरेटर होते है। 

    यह की-बोर्ड में दांयी ओर चोकोर आकार में बना होता है। 

    कई छोटे की-बोर्ड अथवा लेपटॉप में नंबर पेड नहीं होता है।

    एरो की | Aero Key of Computer Keyboard:-

    माउस के स्क्रॉल बटन की तरह ही स्क्रीन को स्क्रॉल करने तथा कर्सर को ऊपर-नीचे, दाएं-बाएं ले जाने के लिए की-बोर्ड में भी बटन दी गई होती है, जिन्हें ऐरो की कहते है। 

    की-बोर्ड में 4 ऐरो की होती है। Up, Down, Left, Right

    मल्टीमीडिया की | Multimedia Key of Computer Keyboard:-

    कई की-बोर्ड में ऑडिया अथवा वीडियो के उपयोग हेतु Play, Pause, Volume आदि मल्टीमीडिया बटन भी उपलब्ध होती है।

    अन्य Key | Other Important Key:-

    इन Key के अलावा भी कुछ और Key भी होती है, जिनमें कुछ कंट्रोल Key होती है, जो या तो अकेले अथवा नंबर की, केरेक्टर की, ऐरो की आदि के साथ काम्बीनेशन के द्वारा कार्य करती है।

    Caps Lock :- 

    यह चालू बंद होने वाली बटन है। इसके लिए की-बोर्ड में लाईट इंडीकेटर होता हैं यदि यह बटन चालू होती है, तो केरेक्टर की बटन को दबाने पर सभी अक्षर केपिटल लेटर टाईप होते है। 

    यदि यह बटन बंद होती है, तो सभी अक्षर स्मॉल लेटर में टाईप होते है।

    Num Lock of Computer Keyboard:-

    इस बटन के लिए भी लाईट इंडीकेटर होता है। इस बटन को चालू करने पर की-बोर्ड पर उपलब्ध नंबर पेड की नंबर बटन दबाने पर नंबर टाईप होते है।

     यदि यह बटन बंद होती है, तो नंबर पेड की सभी बटने निम्न प्रकार से कार्य करने लगती हैः-

      • 0 नंबर बटन :- Insert बटन की तरह
      • 1 नंबर बटन :- End बटन की तरह
      • 2 नंबर बटन :- Down arrow बटन की तरह
      • 3 नंबर बटन :- Page down बटन की तरह
      • 4 नंबर बटन :- Left arrow बटन की तरह
      • 6 नंबर बटन :- Right arrow बटन की तरह
      • 7 नंबर बटन :- Home बटन की तरह
      • 8 नंबर बटन :- Up arrow बटन की तरह
      • 9 नंबर बटन :- Page up बटन की तरह
      • ‘’-‘’ नंबर बटन:- Delete बटन की तरह

    Page Down:- 

    इस बटन को दबाकर पेज में नीचे जाया जा सकता है अथवा नीचे स्क्रॉल किया जा सकता है।

    Page Up:- 

    इस बटन को दबाकर पेज में ऊपर जाया जा सकता है अथवा ऊपर स्क्रॉल किया जा सकता है।

    Home:-

    एम.एस. विंडो के प्रोग्रामों में इस बटन को दबाकर टाईप की जा रही लाइन के शुरू में आ जाते है।

    इसके अलावा किसी फाईल पी.डी.एफ. फाईल के शुरू में जा सकते है।

    End:- 

    एम.एस. विंडो के प्रोग्रामों में इस बटन को दबाकर टाईप की जा रही लाइन के अंत में आ जाते है।

    इसके अलावा किसी फाईल जैसे पी.डी.एफ. फाईल के अंत में जा सकते है।

    Insert:-

    इस बटन का उपयोग टाईपिंग करते समय दो मोड ओवर टाईप मोड और इंसर्ट टाईप मोड में स्वीच करने के लिए किया जाता है। 

    इसका अधिकांश उपयोग नहीं किया जाता है। लेकिन कभी-कभी टाईपिंग कार्य करते समय यह बटन दब जाए तो जहां कर्सर होता है, 

    उसके आगे का अक्षर सेलेक्ट हो जाता है, तथा जैसे ही आप टाईप करते है, अगला अक्षर डिलीट होता जाता है, 

    तथा नया अक्षर टाईप होता जाता है। इस बटन को वापिस दबाकर इससे बाहर आया जा सकता है।

    Backspace:- 

    इस बटन के द्वारा कर्सर के बांयी ओर के अक्षर को हटाया या कट किया जा सकता है।

    Delete:- 

    इस बटन द्वारा कर्सर के दांयी ओर के अक्षर को हटाया या कट किया जा सकता है।

    Print Screen:- 

    इस बटन के द्वारा वर्तमान विंडो का स्क्रीन शॉट लिया जा सकता है, जिसे किसी भी फाईल जैसे एम.एस. वर्ड फाईल में पेस्ट किया जा सकता है।

    Fn Key:-

    वर्तमान में कई छोटे की-बोर्ड आते है, जिनमें बटने कम होती है, ऐसे में एक ही बटन दो कार्य कर सकती है। 

    जैसे कभी-कभी किसी की-बोर्ड अथवा लेपटॉप में Insert तथा Print Screen बटन दोनों एक ही बटन पर दी होती है। 

    ऐसे में उनमें से एक बटन का उपयोग तो सीधे बटन को दबाकर कर सकते है, लेकिन दूसरी बटन का प्रयोग करने के लिए उसे इस Fn Key के साथ दबाना होता है।

    Window/Start Key of Computer Keyboard:- 

    माईक्रोसाफ्ट विंडो में इस बटन को दबाने पर स्टार्ट बटन या सर्च बॉक्स ओपन होता है।

    Alt Key:- 

    यह बटन F10 बटन की तरह ही माईक्रोसाफ्ट एप्लिकेशन में मेन मेन्यू को एक्टिव करने अर्थात कर्सर मेन मेन्यू पर ले जाने के लिए उपयोग किया जाता है।

    Shift Key:-

    यह की-बोर्ड की मोडिफायर Key होती है अर्थात यह अकेले कोई कार्य नहीं करती है, यह किसी अन्य की के साथ काम्बीनेशन में दबाने पर कार्य करती है। 

    जैसे केरेक्टर Key के साथ इसे दबाने पर आप केपिटल लेटर टाईप कर सकते है, यदि Caps Lock बटन बंद है तो, यदि Caps Lock बटन चालू है, तो इसे दबाने पर स्मॉल लेटर टाईप कर सकते है। 

    इसी प्रकार नंबर Key के साथ इस बटन को दबाकर स्पेशल अक्षरों को टाईप किया जाता है। 

    की-बोर्ड में दो Shift Key होती है, Left Shift Key, Right Shift Key

    Ctrl Key:- 

    यह भी एक मॉडिफायर की है अर्थात यह अकेले कोई कार्य नहीं करती है, यह किसी अन्य की के साथ काम्बीनेशन में दबाने पर कार्य करती है।

    Enter Key :- 

    इस बटन को रिटर्न बटन भी कहते है। एम.एस. वर्ड में इस बटन को प्रेस करने पर एक नई लाईन इन्सर्ट होती है। 

    कई जगह पर इस बटन का उपयोग सबमिट बटन के रूप में किया जाता है। एंटर बटन का उपयोग अलग-अलग हो सकता है।

    Space Key :- 

    इस बटन का उपयोग टाईप करते समय शब्दों के बीच स्पेस देने के लिए किया जाता है।

    Tab Key :- 

    इस बटन का उपयोग एक विकल्प से दूसरे विकल्प में जाने के लिए, यदि डाटा टेबल फार्म में हो तो एक कॉलम से दूसरे कॉलम में जाने के लिए, एक रो से दूसरी रो में जाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। 

    एम.एस. वर्ड में इस बटन के द्वारा एक से अधिक स्पेस एक साथ दिए जाते है।

    Esc :- 

    इस बटन का उपयोग किसी प्रक्रिया को कैंसिल करने के लिए किया जाता है।

    एल.ई.डी. इंडीकेटर | LED Indicator in Computer Keyboard:-

    की-बोर्ड में Caps Lock, Num Lock, Scroll Lock बटन के लिए एल.ई.डी. इंडीकेटर उपलब्ध होते है। 

    जैसे यदि बटन ऑन होता है, तो उसका इंडीकेटर चालू रहता है, अन्यथा बंद होता है। 

    इन बटनों को प्रेस करके इन्हें बंद या चालू किया जा सकता है।

    की-बार्ड के फीचर्स के आधार पर प्रकार | Types of Computer Keyboard on the basis of Feature:- 

    की-बोर्ड के भी कई प्रकार उपलब्ध है, जैसे कई की-बोर्ड में नंबर पेड नहीं आता है। 

    की-बोर्ड वायर्ड तथा वायरलेस दोनों प्रकार से आते है।

    वायर्ड की-बोर्ड | Wired Computer Keyboard:-

    सामान्यतः कम्प्यूटर के साथ वायर्ड की-बोर्ड मिलता है। इसे उपयोग करने का कारण इसकी कीमत कम होना है। 

    इस की-बोर्ड को चलाने के लिए अलग से बिजली की आवश्यकता नहीं होती है। 

    इसे कम्प्यूटर में कनेक्ट करने के लिए इसमें एक वायर होता है, जिसका एक सिरा की-बोर्ड से जुडा होता है, तथा दूसरा सिरा कम्प्यूटर से कनेक्ट किया जाता है। 

    यदि की-बोर्ड का दूसरा सिरा पी.एस./2 पोर्ट के प्रकार का है, तो उसे सी.पी.यू. अथवा कम्प्यूटर के पी.एस./2 पोर्ट में ही कनेक्ट करते है, यदि यू.एस.बी. प्रकार का पोर्ट होता है, तो उसे यू.एस.बी. पोर्ट में ही कनेक्ट करते है।

    वायरलेस की-बोर्ड | Wireless Keyboard:-

    वायरलेस की-बोर्ड में वायर नहीं होता है। इसे कम्प्यूटर से कनेक्ट करने हेतु एक यू.एस.बी. कनेक्टर या डिवाईस का उपयोग होता है, 

    जिसे कम्प्यूटर में लगाने पर वायरलेस की-बोर्ड कम्प्यूटर में कनेक्ट हो जाता है, जो वायरलेस की-बोर्ड/माउस के साथ ही हमें मिलता है। 

    इस यू.एस.बी. कनेक्टर का आकार हमारे नाखून के बराबर हो सकता है। इसके अलावा कुछ की-बोर्ड ब्लूटूथ अथवा वाई-फाई टैक्नॉलोजी पर आधारित भी होते है। 

    यह की-बोर्ड बैटरी अथवा सेल से चलता है।

    नोटः- 

    हमें Wireless Keyboard and Mouse जो यू.एस.बी. कनेक्टर के द्वारा कनेक्ट होते है, को कम्प्यूटर से कनेक्ट करने हेतु अलग-अलग यू.एस.बी. कनेक्टर या डिवाईस की आवश्यकता नहीं होती है,

    बल्कि एक यू.एस.बी. डिवाईस के माध्यम से ही की-बोर्ड तथा माउस दोनों को कम्प्यूटर में कनेक्ट किया जा सकता है।

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