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    Computer Port | कम्‍प्‍यूटर पोर्ट:-

    कम्प्यूटर अलग-अलग काम्पोनेंट जैसे की-बोर्ड, माउस, मॉनिटर आदि से मिलकर बना होता है। इन काम्पोनेंट तथा अन्य बाहरी काम्पोनेंट को कम्प्यूटर से कनेक्ट करने हेतु अलग-अलग पोर्ट | Computer Port का प्रयोग होता है, इन्हें कम्यूनिकेशन पोर्ट भी कहते है।

    सामान्यतः किसी कम्प्यूटर में निम्न प्रकार के पोर्ट उपलब्ध होते है:-

    सीरियल पोर्ट | Serial Computer Port:-

    इस प्रकार के पोर्ट के द्वारा एक समय पर एक बिट डाटा ट्रांसफर होता है। इसकी डाटा संचरण की गति बहुत कम होती है। 

    इसका उपयोग सामान्यतः मोडेम, बार कोड रीडर तथा प्लाटर आदि को कनेक्ट करने के लिए किया जाता है।

    पेरेलल पोर्ट | Parallel Computer Port:-

    इसमें आठ वायर होते है, जिनसे एक साथ डाटा संचरण होता है। 

    इस प्रकार इस पोर्ट के द्वारा एक समय आठ बिट डाटा को ट्रांसमिट किया जा सकता है। 

    इस प्रकार के पोर्ट का उपयोग कम्प्यूटर को कनेक्ट करने के लिए किया जाता है।

    पी.एस./2 पोर्ट | PS/2 Computer Port:-

    पहले माउस तथा की-बोर्ड को कम्प्यूटर में कनेक्ट करने के लिए अधिकांशतः पी.एस./2 पोर्ट उपलब्ध होते थे, 

    जिसमें की-बोर्ड को कनेक्ट करने वाले पोर्ट का रंग परपल तथा माउस के लिए रंग ग्रीन होता है। यह एक गोलाकार पोर्ट होता है।

    पुराने कम्प्यूटरों में इसका उपयोग हो रहा है, वर्तमान में इसका उपयोग बहुत कम हो गया है,

     इसके स्थान पर यू.एस.बी. पोर्ट का उपयोग होने लगा है।

    वी.जी.ए. पोर्ट | VGA Computer Port:-

    इस प्रकार के पोर्ट का उपयोग मॉनिटर, प्रोजेक्ट तथा टेलीविजन में किया जाता है। 

    इसके 15 पिन होती है, जो कि 5-5 के ग्रप में तीन रो में व्यवस्थित होती है। 

    इस प्रकार के पोर्ट के द्वारा कम रिजोल्यूशन की इमेज प्राप्त होती है, 

    इस कारण इसके स्थान पर वर्तमान में एच.डी.एम.आई. तथा डिस्प्ले पोर्ट का उपयोग होने लगा है।

    डी.वी.आई. पोर्ट | DVI Computer Port:-

    इसका उपयोग सी.पी.यू. तथा मॉनिटर के बीच किया जाता है, इसकी इमेज क्वालिटी अच्छी होती है। इसे डिजीटल वीडियो इंटरफेस भी कहते है। 

    कई जगह वी.जी.ए. के स्थान पर इसका उपयोग किया जाता है। यह तीन प्रकार की होती है, डी.वी.आई.-आई., डी.वी.आई.-डी., डी.वी.आई.-ए.। 

    इसमें डी.वी.आई.-आई. एनॉलाग तथा डिजीटल दोनो प्रकार के सिग्नल को सपोर्ट करता है, डी.वी.आई.-डी. केवल डिजीटल सिग्नल को सपोर्ट करता है, 

    डी.वी.आई.-ए. केवल एनालॉग सिग्नल को सपोर्ट करता है।

    डिस्प्ले पोर्ट | Display Port:-

    इस पोर्ट का उपयोग वीडियो तथा ऑडियो प्रकार के डाटा को स्क्रीन पर डिस्प्ले करने के लिए किया जाता है। 

    यह वी.जी.ए. तथा डी.वी.आई. पोर्ट के विकल्प के रूप में विकसित किया गया है। 

    यह अन्य पोर्ट की तुलना में अच्छी इमेज क्वालिटी प्रदर्शित करता है।

    आर.सी.ए. कनेक्टर | RCA Port:-

    इस प्रकार के पोर्ट के द्वारा कम्पोजिट वीडियो तथा स्टेरियो ऑडियो सिग्नल को तीन पिनो के माध्यम से ट्रांसमिट किया जाता है। 

    इसमें रेड कलर की पिन राईट चेनल हेतु 

    तथा व्हाइट कलर की पिन लेफ्ट के चेनल हेतु स्टेरियो ऑडियो सिग्नल को ट्रांसमिट करती है 

    तथा यलो पिन वीडियो सिग्नल को ट्रांसमिट करती है।

    काम्पोनेंट वीडियो पोर्ट | Component Video Port:-

    इस पोर्ट में तीन पिन होती है, रेड, ब्लू एवं ग्रीन। 

    इसमें वीडियो सिग्नल को तीन चेनलों में विभाजित किया जाता है, 

    जिसमें तीनो पिनों के द्वारा वीडियो के अलग-अलग भाग हेतु सिग्नल ट्रांसमिट होते है। 

    इसके द्वारा डिजीटल तथा एनॉलॉग दोनों प्रकार के सिग्नल को ट्रांसमिट किया जा सकता है।

    एच.डी.एम.आई. पोर्ट | HDMI Port:-

    इसे हाई डेफिनेशन मीडिया इंटरफेस पोर्ट भी कहते है। 

    इसके द्वारा डिजिटल कैमरा, गेमिंग कंसोल आदि को कम्प्यूटर अथवा टेलीविजन से कनेक्ट किया जाता है। 

    इसके द्वारा हाई डेफिनेशन की वीडियो तथा इमेज प्राप्त की जा सकती है।

    यू.एस.बी. पोर्ट | USB Port:-

    इसे यूनिवर्सल सीरियल बस पोर्ट भी कहते है। 

    इसका उपयोग कई सारी डिवाईसो को कनेक्ट करने के लिए किया जा सकता है। 

    जैसे माउस, की-बोर्ड, पेन ड्राईव, स्मार्टफोन, डिजीटल कैमरा, चार्जर आदि। 

    कई प्रकार की डिवाईस में इसका उपयोग होने से वर्तमान में पी.एस.2 पोर्ट, सीरियल पोर्ट, पेरेलल पोर्ट, गेम पोर्ट आदि के स्थान पर अब इसी का उपयोग होने लगा है। 

    इसके दो प्रकार ज्यादातर प्रचलन में हैः-

    1. यू.एस.बी. टाईप-ए | USB Type-A Port:-

    सामान्यतः वर्तमान माउस, की-बोर्ड, पेन ड्राइव आदि में इसी का उपयोग होता है। 

    इसके कई सारे वर्जन जैसे यू.एस.बी. 1.1, यू.एस.बी. 2.0, यू.एस.बी. 3.0, यू.एस.बी. 3.1 आदि है। 

    इसमें यू.एस.बी. 3.0 की डाटा ट्रांसफर की स्पीड लगभग 400 एम.बी. प्रति सेकेण्ड तक है, 

    तथा यू.एस.बी. 3.1 की डाटा ट्रांसफर की स्पीड लगभग 10 जी.बी. प्रति सेकेण्ड तक है।

    2. यू.एस.बी. टाईप-सी | USB Type-C Port:-

    यह यू.एस.बी. का लेटेस्ट तथा एडवांस वर्जन है, जो कि 3ए अर्थात 3 एम्पियर तक के करंट को हेंडल कर सकता है। 

    इसका उपयोग फास्ट चार्जिंग डिवाईस में किया जाता है। यह वर्तमान में बहुत प्रचलित हो रहा है। 

    यू.एस.बी. टाईप ए की एक समस्या है कि उसमें किसी डिवाईस को कनेक्ट करते समय उसके ओरिएंटेशन को देखना होता है, अर्थात यू.एस.बी. पोर्ट में केबल को उल्टा-सीधा नहीं लगाया जा सकता है, जबकि यू.एस.बी. टाईप सी में इस प्रकार की समस्या नहीं है। 

    इसमें अप एण्ड डाउन ओरिएंटेशन नहीं है, इसे जिस भी प्रकार से लगाएंगे वह फिट हो जाता है।

    ऑडियो जेक | Audio Jack:-

    यह पोर्ट सामान्यतः लेपटॉप, मोबाईल तथा कम्प्यूटर में उपयोग होता है। इसका उपयोग ऑडियो प्रकार के डाटा के ट्रांसमिट के लिए किया जाता है। 

    इसके द्वारा कम्प्यूटर अथवा लेपटॉप या मोबाईल से हेडफोन, इयरफोन तथा स्पीकर कनेक्ट किया जाते है।

    आर.जे. पोर्ट अथवा इथरनेट पोर्ट | RJ Port | Eathernet Port:-

    इसे रजिस्टर जेक भी कहते है। इस पोर्ट का उपयोग कम्प्यूटर को इंटरनेट हेतु लेन केबल अथवा राउटर अथवा स्वीच से कनेक्ट करने के लिए किया जाता है। 

    इसके द्वारा एक कम्प्यूटर को दूसरे कम्प्यूटर से कनेक्ट किया जा सकता है। इसके कई प्रकार है, जैसे आर.जे. 45 तथा आर.जे. 11 आदि।

    आर.जे.-45 | RJ-45:-

    इस पोर्ट का उपयोग कम्प्यूटर को इंटरनेट से कनेक्ट करने के लिए किया जाता है। इस पोर्ट में आठ पिनो का उपयोग होता है। 

    इसमें दो एल.ई.डी. लगी होती है, जो डाटा के ट्रांसमिट होने को दर्शाती है।

    आर.जे.11 | RJ-11:-

    इस प्रकार के पोर्ट के द्वारा टेलीफोन, मोडेम आदि को कनेक्ट किया जाता है। 

    इसमें 6 पिनो का उपयोग होता है, जिससे इसका आकार आर.जे.45 से छोटा होता है। इसका उपयोग कम्प्यूटर में नहीं किया जाता है।

    फायरवायर पोर्ट | Firewire Port:-

    यह यू.एस.बी. की तरह ही डाटा ट्रांसफर के लिए उपयोग होता है। इसकी डाटा ट्रांसफर की गति यू.एस.बी. पोर्ट से अधिक होती है। 

    इनका उपयोग पुराने कम्प्यूटरों में किया जाता था। यू.एस.बी. के विभिन्न फीचर्स के कारण इसका उपयोग अब नहीं किया जाता है।

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