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Computer ki Pidiya | Generation of Computer in hindi

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    कम्प्यूटर के बारे में जानकारी प्राप्त करने के क्रम में कम्प्यूटर के अविष्कार के चरणों (Computer ki Pidiya | generation of computer in hindi) के बारे में जानना भी रूचिकर होता है।

    हम आज जो कम्प्यूटर देखते है, उपयोग करते है, वह कम्प्यूटर की बहुत उन्नत किस्म है।

    प्रारंभ में कम्प्यूटर ऐसे नहीं होते थे। कम्प्यूटर अपने आज के नवीनतम संस्करण अर्थात् स्वरूप तक पहुंचने के लिए विकास के कई चरणों से होकर गुजरा है।

    इन्‍ही चरणों को हम कम्प्यूटर की जनरेशन (computer ki pidiya) के रूप में पढते-समझते है।

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    कम्‍प्‍यूटर अविष्‍कार वर्ष | Year of Computer invention:-

    वर्ष 1940 को कम्प्यूटर का अविष्कार वर्ष माना जाता है। ऐसा नहीं है कि कम्प्यूटर का अविष्कार केवल वर्ष 1940 में ही हुआ हो।

    कम्प्यूटर के बनने की प्रक्रिया 16वी शताब्दी के अविष्कार अबेकस से होना माना जा सकता है,

    क्योंकि वह पहला टेक्नीकल कदम था किसी यंत्र द्वारा गणितीय गणनाओं के करने का, हालांकि यह कम्प्यूटर से एक दम भिन्न है, लेकिन इसके अविष्कार को कम्प्यूटर के अविष्कार का आधार मान सकते है। 

    अब हम देखते है कि वर्ष 1940 को कम्प्यूटर का अविष्कार वर्ष माना जाता है, इसका कारण यह है कि हम आज जिस प्रकार के कम्प्यूटर का उपयोग करते है, 

    इसका मूलभूत स्वरूप वर्ष 1940 में बने कम्प्यूटरों से प्रारंभ हुआ। चार्ल्स बेबेज को कम्प्यूटर का जनक माना जाता है।

    कम्प्यूटर के अविष्कार से लेकर वर्तमान स्वरूप तक पहुंचने में कम्प्यूटर के बाहरी तथा आंतरिक भागों में बहुत सारे बदलाव हुए है,

    जिनसे कम्प्यूटर के कार्य करने की गति, उसके गणना करने की शुद्धता, आकार, कीमत एवं क्षमताओं आदि में अविश्वसनीय परिवर्तन हुए। 

    वास्तविकता में कम्प्यूटर की जनरेशन का विभाजन कम्प्यूटर बनाने हेतु उपयोग होने वाले मुख्य डिवाईसों के अविष्कार के आधार पर किया गया है, 

    जैसे प्रथम जनरेशन के कम्‍प्‍यूटर में वैक्यूम ट्यूब का उपयोग होता था, 

    द्वितीय जनरेशन के कम्प्यूटर में वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्रांजिस्टर का उपयोग होता था। 

    Computer की जनरेशन को पांच चरणों में विभाजित किया जात सकता है।

    Computer ki Pidiya | generation of computer 1st to 5th:-

    1. First Generation Computers (1940-1956)
    2. Second Generation Computers (1956-1963)
    3. Third Generation Computers (1964-1971)
    4. Fourth Generation Computers (1971-Present)
    5. Fifth Generation Computers (Present and Beyond)

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    कम्प्यूटर का प्रथम पीढी | First Generation of Computer in hindi:-

    कम्प्यूटर के प्रथम जनरेशन को वर्ष 1940 से 1956 तक के समय को माना जाता है।

    इस जनरेशन को वैक्यूम ट्यूब (VT) जनरेशन भी कहते है, क्योंकि इस जनरेशन के कम्प्यूटरों को बनाने के लिए वैक्यूम ट्यूब का उपयोग होता था।

    एक कम्प्यूटर में बहुत सारे वैक्यूम ट्यूब का उपयोग होता था, जिसके कारण इसका आकार और वजन बहुत अधिक होता था। 

    इनका आकार एक बडे रूम के आकार का होता था, इसलिए इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना कठिन था। 

    इसकी गणना की शुद्धता कम होती थी। इनकी कार्य करने की गति बहुत कम होती थी। यह बिजली का अधिक उपयोग करते थे। 

    इस पर कार्य करना बहुत जटिल होता था, क्योंकि इनमें मशीन लैंग्वेज का उपयोग किया जाता था,

    अर्थात यह कम्प्यूटर केवल बाईनरी नंबर 0 तथा 1 को समझता था तथा इनमें कोई ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं होता था, जिसके कारण इनसे कार्य कराने हेतु कमाण्ड देना होता था, 

    इस कम्प्यूटर को कमाण्ड जानने वाला ही चला सकता था। 

    इस जनरेशन के कम्प्यूटर को स्टोरेज, गणना आदि के लिए ही उपयोग किया जा सकता था।

    वैक्यूम ट्यूब एक कांच का बेलनाकार ट्यूब होता है, जिसकी वायु निकालकर उसमें वैक्यूम पैदा की जाती है। 

    वैक्यूम ट्यूब का अविष्कार वर्ष 1904 में जॉन एम्ब्रोस फ्लेमिंग ने किया था।

    First Generation of Computer Name:-

    ENIAC, EDVAC, UNIVSE, IBM 650 etc.

    First generation of computer image:-

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    प्रथम जनरेशन में बने कुछ कम्प्यूटर के बारे में जानकारी | Example of First Generation Computer:-

    ई.एन.आई.ए.सी. अथवा इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटर एण्ड कम्प्यूटरः-

    यह पहला डिजीटल इलेक्ट्रानिक कम्प्यूटर था। 

    इस कम्प्यूटर को जे. प्रेसपर एकर्ट तथा जॉन वी. मुचली ने वर्ष 1950 में बनाया था।

    इनमें लगभग अठारह हजार वैक्यूम ट्यूब का उपयोग किया गया था, 

    इसलिए इसका आकार बहुत अधिक था तथा इसका वजन भी बहुत अधिक था।

    इसका उपयोग मौसम की जानकारी, परमाणु ऊर्जा केलकुलेशन तथा वैज्ञानिक कार्यो हेतु किया जाता था।

    ई.डी.वी.ए.सी. अथवा इलेक्ट्रॉनिक डिस्क्रीट वेरिएबल ऑटोमेटिक कम्प्यूटरः-

    यह पहला कम्प्यूटर था, जो स्टोरेज करने की सुविधा से लेस था।

    यह डाटा तथा निर्देशों को मेमोरी में स्टोर करने में सक्षम था।

    इसका अविष्कार जॉन वॉन न्यूमेन ने वर्ष 1946 से 1952 के लगभग किया था।

    यू.एन.आई.वी.ए.सी. अथवा यूनिवर्सल ऑटोमेटिक कम्प्यूटरः-

    इसका अविष्कार वर्ष 1951 में एकर्ट तथा मुचली ने किया था। यह पहला जनरल परपस कम्प्यूटर था,

    जो एक अधिक इनपुट तथा आउटपुट के साथ कार्य कर सकता था।

    इसमें इनपुट-आउटपुट के लिए मैग्नेटिक टैप का उपयोग होता था।

    आई.बी.एम. 650 कम्प्यूटरः-

    इसे आई.बी.एम. कंपनी द्वारा वर्ष 1954 में बनाया गया था।

    इसका उपयोग पेरोल प्रोसेसिंग, मार्केट रिसर्च एनालिसिस के लिए होता था।

    कंपनी द्वारा इस प्रकार के लगभग 2000 कम्प्यूटर बनाए थे, यह 1950 के दशक का सबसे लोकप्रिय कम्प्यूटर था।

    प्रथम जनरेशन कम्प्यूटर की मुख्य विशेष बातें | Features of First Generation Computer:-

    1. इसमें कम्प्यूटर का मुख्य भाग जो सभी ऑपरेशन तथा केलकुलेशन आदि का कार्य करता है, उसे बनाने के लिए वैक्यूम ट्यूब का उपयोग किया जाता है।
    2. इस जनरेशन के कम्प्यूटर में मशीन लैंग्वेज अर्थात बाईनरी नंबर 0 तथा 1 का उपयोग होता था।
    3. इन कम्प्यूटरो में स्टोरेज डिवाईस के रूप में मैग्नेटिक ड्रम तथा मैग्नेटिक टेप का उपयोग किया जाता था।
    4. इनपुटआउटपुट डिवाईस के रूप में पंचकार्ड तथा पेपर टेप का उपयोग होता था।
    5. इसकी स्पीड बहुत कम थी, वजन तथा आकार बहुत अधिक था, तथा यह बिजली का अधिक उपयोग करता था।

    कम्प्यूटर का द्वितीय पीढ़ी़ | Second Generation of Computer in hindi:-

    इस जनरेशन का समय वर्ष 1956 से वर्ष 1963 तक माना जाता है।

    इस जनरेशन के कम्प्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाता था।

    Second generation of computer image

    second generation of computer image

    ट्रांजिस्टर | What is Transistor:-

    यह एक प्रकार का सेमीकंडक्टर अर्थात अर्धचालक उपकरण होता है, जो विद्युत के प्रवाह या वोल्टेज के संचालन को नियंत्रित करने का कार्य करता है। 

    यह एक स्विच तथा एम्प्लीफायर के रूप में कार्य करता है।

    सरल भाषा में समझे तो ट्रांजिस्टर विद्युत के प्रवाह को कम-ज्यादा कर सकता है, तथा विद्युत प्रवाह को बंद-चालू भी कर सकता है।

    द्वितीय जनरेशन के कम्प्यूटरों में ट्रांजिस्टर का उपयोग होने से कम्प्यूटर की गणना करने की गति बढ गई,

    उसका आकार प्रथम जनरेशन के कम्प्यूटर की तुलना में छोटा हो गया। 

    साथ ही इसकी कीमत भी कम हो गई।

    यह प्रथम जनरेशन के कम्प्यूटर की तुलना में कम बिजली की खपत करते थे। 

    इनमें असेंबली लैंग्वेज तथा हाई लेवल लैंग्वेज जैसे कोबोल तथा फॉरट्रॉन का उपयोग होने लगा।

    इन कम्प्यूटरों में निर्देश मैग्नेटिक ड्रम से मैग्नेटिक कोर टेक्नोलॉजी के द्वारा मेमोरी में सेव होते थे।

    Second Generation Computer Name:-

    PDP-8, IBM1400, IBM 7090 and IBM 7094, UNIVAC 1107, CDC 3600 आदि।

    द्वितीय जनरेशन कम्प्यूटर की मुख्य विशेष बाते| Features of Second Generation Computer:-

    1. इन कम्प्यूटरों में ट्रांजिस्टर का उपयोग होता था।
    2. इनमें असेंबली लैंग्वेज तथा हाई लेवल लैंग्वेज का उपयोग होता था।
    3. इसमें मेमोरी के रूप में मैग्नेटिक कोर तथा मैग्नेटिक टेप का उपयोग होता था।
    4. इनपुट तथा आउटपुट के लिए पंचकार्ड का उपयोग होता था।

    कम्प्यूटर का तृतीय पीढ़ी | Third Generation of Computer in hindi:-

    इस जनरेशन का समय वर्ष 1964 से वर्ष 1971 तक माना जाता है। 

    इस जनरेशन के कम्प्यूटरों में ट्रांजिस्टर के स्थान पर इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग किया जाने लगा,

    जिससे कम्प्यूटर का आकार प्रथम तथा द्वितीय जनरेशन के कम्प्यूटर की तुलना में बहुत कम हो गया।

    इंटीग्रेटेड सर्किट को आई.सी. भी कहते है।

    Third generation of computer image

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    इंटीग्रेटेड सर्किट | What is Integrated Circuit:- कई सारे ट्रांजिस्टरों को एक प्लेन सिलिकॉन चिप पर लगाया जाता है, तब उसे इंटीग्रेटेड सर्किट कहते है।

    इसे सेमीकंडक्टर तथा सिलिकॉन चिप भी कहते है। 

    एक इंटीग्रेटेड सर्किट में बहुत सारे ट्रांजिस्टर, रजिस्टर, केपेसिटर आदि को एक छोटी सी सिलिकॉन चिप पर जोडा जाता है।

    इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग होने से कम्प्यूटर का आकार बहुत छोटा हो गया।

    इस प्रकार के कम्प्यूटरों में पूरी तरह से हाई लेवल लैंग्वेज का उपयोग होने लगा। 

    इस जनरेशन के कम्प्यूटरों में इनपुट-आउटपुट के लिए पंचकार्ड के स्थान पर की-बोर्ड तथा मॉनिटर का उपयोग होने लगा साथ ही ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग भी होने लगा,

    जिसके कारण कम्प्यूटर एक ही समय पर एक से अधिक एप्लिकेशन रन कर सकते थे। 

    इस जनरेशन के कम्प्यूटर का आकार बहुत छोटा हो गया तथा उनकी कीमत भी बहुत कम हो गई।

    Third Generation Computer Name:-

    IBM 360, IBM 370, PDP-11, NCR 395, B6500, UNIVAC 1108 आदि

    तृतीय जनरेशन कम्प्यूटर की मुख्य विशेष बाते | Feature of Third Generation of Computer in hindi:-

    1. इन कम्प्यूटरों में इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग होता है।
    2. इसमें कम्प्यूटर हाई लेवल लैंग्वेज का उपयोग होने लगा जैसे FORTRAN, BASIC, Pascal, COBOL, ALGOL आदि
    3. मेमोरी के लिए बडे मैग्नेटिक कोर तथा मैग्नेटिक टेप तथा डिस्क का उपयोग होने लगा।
    4. इनपुट आउटपुट के लिए मैग्नेटिक टेप, मॉनिटर, की-बोड, प्रिंटर का उपयोग होने लगा।

    कम्प्यूटर की चतुर्थ पीढ़ी | Fourth Generation of Computer in hindi:-

    इस जनरेशन का समय वर्ष 1971 से वर्तमान तक माना जाता है।

    कम्प्यूटर के इस जनरेशन में माईक्रोप्रोसेसर का अविष्कार हुआ। 

    कई सारे इंटीग्रेटेड सर्किट को एक छोटी सी सिलिकॉन चिप पर जोडा गया, इसे माईक्रोप्रोसेसर कहते है। 

    माईक्रोप्रोसेसर का आकार हमारे हाथ की हथेली से भी छोटा होता है, इसलिए कम्प्यूटर का आकार बहुत छोटा हो गया।

    माईक्रोप्रोसेसर में कम्प्यूटर द्वारा अरिथमेटिक, लॉजिकल तथा सभी कंट्रोल फंक्शन के लिए आवश्यक सभी सर्किट को एक ही चिप पर जोडा गया।

    वर्ष 1971 में इंटेल कंपनी द्वारा इंटेल 4004 नाम से पहला माईक्रोप्रोसेसर बनाया था,

    जिसमें सी.पी.यू., मेमोरी तथा इनपुट-आउटपुट कंट्रोल आदि सभी को एक ही चिप पर बनाया गया। 

    इसी क्रम में आई.बी.एम. द्वारा 1981 में पहला कम्प्यूटर बनाया गया, जो घरेलू उपयोग हेतु उपलब्ध कराया गया,

    इसके बाद वर्ष 1984 में एप्पल कंपनी ने मेकिनटोस नाम का कम्प्यूटर बनाया गया।

    इस जनरेशन के कम्प्यूटर इंटरनेट के माध्यम से आपस में जोडे जा सकते है।

    चतुर्थ जनरेशन के कम्प्यूटरों में ग्राफिकल यूजर इंटरफेस का उपयोग होने लगा,

    जिससे माउस एवं हेंडहेल्ड डिवाईस का अविष्कार एवं उपयोग होने लगा।

    इस जनरेशन के कम्प्यूटरों में मल्टीप्रोसेसिंग, मल्टी प्रोग्रामिंग, टाईम शेयरिंग, कम्प्यूटर स्पीड, यूजर फ्रेंडली आदि सभी सुविधाओं का विकास हुआ।

    Fourth Generation Computer Name:-

    IBM PC, STAR 1000, APPLE II, Apple Macintosh, Alter 8800 आदि

    fourth generation of computer image

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    चतुर्थ जनरेशन कम्प्यूटर की मुख्य विशेष बाते | Features of Fourth Generation Computer:-

    1. इन कम्प्यूटरों में माईक्रोप्रोसेसर अर्थात वी.एल.एस.आई. अर्थात वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग होता है।
    2. इन कम्प्यूटरों में सेमीकंडक्टर मेमौरी जैसे रेम, रोम आदि का उपयोग होने लगा।
    3. Input-Output डिवाईस हेतु पोइंटिंग डिवाईस, ऑप्टिकल स्कैनिंग, की-बोर्ड, मॉनीटर, प्रिंटर आदि का उपयाग होने लगा।
    4. इनमें हाई लेवल लैंग्वेज का उपयोग होता है जैसs Python, C#, Java, JavaScript, Rust, Kotlin आदि

    कम्प्यूटर की पांचवी पीढ़ी | Fifth Generation of Computer in hindi:-

    हमने ऊपर पढ़ा की कम्प्यूटर की चतुर्थ जनरेशन वर्ष 1971 से वर्तमान समय तक के कम्प्यूटर की है।

    ऐसे में पांचवी जनरेशन क्या है। वर्तमान में हम देखते है कि इंटरनेट के उपयोग से बहुत सारी सुविधाएं हमारे कम्प्यूटर में जुड गई है,

    जिनमें से एक महत्वपूर्ण फीचर है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अर्थात ए.आई.। 

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेस कम्प्यूटर को पांचवी जनरेशन के अंतर्गत माना जाता है।

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेस कम्प्यूटर का मतलब है, कि यह कम्प्यूटर एक मानव की तरह व्यवहार करते है। 

    वर्तमान में हर कोई व्यक्ति कम्प्यूटर अथवा अपने मोबाईल के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग कर रहा है।

    आर्टिफिशियल का सबसे अच्छा उदाहरण है, वॉइस रिकाग्निशन। 

    हम देखते है कि गूगल वॉइस असिस्टेंट के द्वारा हम बोलकर कई सारे कार्य करवा सकते है।

    पांचवी जनरेशन के कम्प्यूटर मानव के दिमाग की गति से भी तेज गति में कार्य करने में सक्षम है।

    इस जनरेशन के कम्प्यूटरों की गति सबसे तेज तथा आकार सभी कम्प्यूटरों से छोटा है।

    Fourth Generation Computer Name:-

    MOBILE. LAPTOP, PC, TABLET, DESKTOP etc.

    fifth generation of computer image

    fifth generation of computer image

    पांचवी जनरेशन के कम्प्यूटर की मुख्य विशेष बाते | Features of Fifth Generation Computer:-

    1. यह कम्प्यूटर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित है, जो यू.एल.एस.आई अर्थात अल्ट्रा लार्ज स्केल इंटीग्रेशन टेक्नोलॉजी तथा पैरेलल प्रोसेसिंग मैथड का उपयोग करते है।
    2. यह कम्प्यूटर मानव की भाषा का समझने में सक्षम है।
    3. इनका आकार बहुत छोटा होता है, इन्हें आसानी से अपने साथ एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है।
    4. इनमें टचपेड, टचस्क्रीन, लाईट पेन, वॉइस रिकॉगनाइज, लाइट स्कैनर, प्रिंटर, की-बोर्ड, माउस तथा मॉनिटर का उपयोग इनपुट-आउटपुट डिवाईस के रूप में होता है।
    5. पांचवी जनरेशन के कम्प्यूटर के उदाहरण है, लेपटॉप, डेस्कटॉप, मोबाईल, टेबलेट आदि।

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